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उत्तरकाशी-सिल्क्यारा Tunnel संकट में रोशन हुई उम्मीद की किरण::6 इंच पाइप लाइन का मलबे को चीर हुआ प्रवेश:41 श्रमिकों को जल्द निकालने में मिलेगी मदद     

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Chetan Gurung

उत्तरकाशी सिलक्यारा Tunnel में आज उम्मीद की किरण ने 6 इंच पाइप की शक्ल में प्रवेश किया.ये पाइप ड्रिल हो के अवरुद्ध हिस्से में जा पहुंचा है.सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी अब अधिक सुरक्षित होने के साथ ही उनको जिंदगी बचाने की जंग लड़ने की ताकत मिलनी शुरू हो जाएगी.

जिंदगी बचाओ अभियान के दौरान अवरुद्ध हिस्से में सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के लिए ड्रिलिंग कर मलबे को चीर के 6 इंच की 53 मीटर लंबी पाइप लाइन पहुंचा दी गई.इसके जरिये फंसे श्रमिकों तक खाने-पीने की वस्तुएं पहुंचाई जा सकेंगी.

इस कामयाबी से फंसे लोगों के लिए हालात निश्चित रूप से बेहतर होने शुरू हां जाएंगे.NHAIDCL के निदेशक अंशुमनीष खलखो,जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने मीडिया को इस शुरूआती सफलता की जानकारी दी.

पिछले नौ दिनों से चल रहे अभियान में ये पहली कामयाबी है.उन्होंने कहा कि श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के प्रयास और तेज किए जाएंगे.सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिए अब तक 4 इंच की पाइप लाइन ही लाइफ लाइन बनी हुई थी।

छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलबे के आर पार बिछा दिए जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ, दवाएं,अन्य जरूरी साजो सामान-संचार उपकरण Tunnel के भीतर भेजने में सहूलियत होगी।

इस अच्छी खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों साथ ही रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह दिखाई दिया. रेस्क्यू के अन्य विकल्पों पर भी काम किया जा रहा है.सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने आज परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों  के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया.

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