
Chetan Gurung

Uttarakhand के Police Chief अशोक कुमार के Retirement में 10 दिन बच गए हैं और नए DGP की DPC वाली फ़ाइल UPSC के बजाए शासन में ही आराम फरमा रही है. मुमकिन है कि CM पुष्कर Acting DGP के फ़ॉर्मूला को अपना के अपनी पसंद के चेहरे को उसकी कुर्सी पर बिठा दें.UP में CM योगी आदित्यनाथ ऐसा लगातार दो बार (पहले देवेन्द्र सिंह चौहान फिर अभी वाले विजय कुमार) कर चुके हैं.ये Formula अपने पसंदीदा शख्स के हाथों में 30 हजार की Force का जिम्मा सौंपने के लिए सटीक और ठोस माना जा रहा.DGP ने www.chetangurungg.com से साफ़ कहा,`मैंने न Extension माँगा है न इसकी चाहत है.3 साल तक DGP रहा हूँ.ये मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है’.



UPSC में DPC के लिए फ़ाइल भेजने का वक्त तकरीबन गुजर सा गया है.वहां चिट्ठी-पत्री के बाद Date लेनी होती है.इसमें अगर युद्धस्तर पर कोशिश न की जाए तो अच्छा-खासा वक्त लगता है.अहम पहलू ये है कि फ़ाइल उत्तराखंड सरकार ने अभी तक खुद के पास ही रखी है.कहीं से लग भी नहीं रहा कि इसको भेजने की कोई जल्दबाजी उसको है.

मौजूदा DGP अशोक कुमार को Extension देना है तो उसके लिए भी फ़ाइल भेजने का वक्त तकरीबन गुजरता दिख रहा.ये भी एक तथ्य है कि 3 महीने का सेवा विस्तार देने का हक़ मुख्यमंत्री के पास रहता है.हकीकत लेकिन ये भी है कि ऐसा फैसला लेने से पहले CM को केंद्र सरकार या PM-HM की मौखिक मंजूरी तो लेनी ही होती है.मोदी-शाह के दौर में इसको अनिवार्य कहा जा सकता है.अशोक ने साफ़ कहा कि उनको न तो सेवा विस्तार की चाहत है न ही इस मामले में कुछ कोशिश ही उन्होंने की.
नए DGP कौन होंगे, इसको ले के हवा खूब गर्म है.नई नीति के मुकाबले अब 25 साल की सेवा वाले और ADG पूरी तरह Eligible हैं.इसलिए उत्तराखंड में 7 चेहरे जिम्मा संभालने के लिए एकदम उपलब्ध हैं.Senior Most IPS और DGP रह चुके MA गणपति NSG Chief हैं.वे Central Deputation से ही अगले साल मार्च में रिटायर हो जाएंगे.ये तय है.उनके उत्तराखंड लौटने के कोई आसार नहीं है.
1995 बैच वाले दीपम सेठ और PVK प्रसाद,1996 बैच के अभिनव कुमार और 1997 बैच के अमित सिन्हा-मुरुगेशन-संजय गुंज्याल के साथ ही 1998 बैच के RandAW का समृद्ध अनुभव रखने वाले अजय प्रकाश अंशुमन में से सभी का ट्रैक रिकॉर्ड गजब का है.CM पुष्कर इनमें से जिसको चाहे उसको HopF बना सकते हैं.इसमें कोई अड़ंगा उनके सामने नहीं आएगा.
www.chetangurungg.com के पास उपलब्ध तथ्यों और अंदाज के मुताबिक भी संभवना यही दिख रही है कि नए DGP पर स्थाई चयन न किया जाए.इसके बजाए कार्यवाहक DGP को बिठाया जाए.सरकार को इसके फायदे ये हैं कि UPSC फ़ाइल भेजने का झंझट और मजबूरी ख़त्म हो जाएगी.अपनी पसंद वाले जिस चेहरे-नाम को चाहे सीधे कुर्सी पर बिठाया जा सकेगा.मन मुताबिक न चलने पर कार्यवाहक DGP को किसी भी वक्त जिम्मेदारी से फारिग भी किया जा सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि SO-SHO-SSP-Range Officer (DIG-IG) और DGP को कम से कम 2 साल का कार्यकाल दिया जाना चाहिए.उससे पहले सिर्फ बहुत बड़ी वजह से ही हटाया जाए.Acting HopF के साथ ये बाध्यता सरकार के सम्मुख नहीं होगी.CM पुष्कर के सामने Acting DGP बिठाने का फैसला लेने में कोई झंझट या समस्या नहीं होगी.योगी आदित्यनाथ UP में इसी राह पर चल रहे हैं.
UP में विजय कुमार को योगी ने Acting DGP बनाया हुआ है.वह इसी साल 31 मई को कुर्सी पर बिठाए गए हैं.उनसे पहले देवेन्द्र सिंह चौहान को Acting DGP बनाया गया था.वह भी बिना पक्के हुए रिटायर हुए. उनके पास कई अन्य महकमे भी पहले से थे और DGP का Charge अतिरिक्त के तौर पर दिया गया था.अभिनव और PVK में से कोई Acting DGP बनाए जाते हैं तो उनके मौजूदा महकमे भी बने रह सकते हैं.
दीपम सेठ Central Deputation पर ITBP में हैं.उनको Acting Chief बनाया जाता है तो उनके साथ अतिरिक्त महकमे का मसला नहीं होगा.संभावनाओं को देखा जाए तो 1997-1998 बैच का नंबर कार्यवाहक DGP में भी शायद ही आए.तमाम Seniors को फिर कहीं और खपाना सरकार के लिए मुसीबत हो सकती है.मतलब ये कि दीपम-PVK-अभिनव में से ही नए पक्के या फिर ज्यादा सम्भावना के मुताबिक Acting DGP चुना जाएगा.