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CM पुष्कर ने किए तिब्बती साक्या गुरुओं के दर्शन:लिया आशीर्वाद

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सर्वोच्च गुरु साक्या त्रिचिन-दोनों साक्या त्रिजीन से हुई भेंट:गुम्बा में पूजा भी की

Chetan Gurung

दोपहर में चंपावत के व्यस्ततम सियासी दौरे और गुरु गोरखनाथ मंदिर के दर्शन के बाद देर शाम CM पुष्कर सिंह धामी राजधानी के राजपुर में साक्या संप्रदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु साक्या खोमा त्रिचिन से उनके महल ( Sakya डोलमा पोडरंग) में जा के मुलाक़ात कर दर्शन किए आशीर्वाद ग्रहण किया। खास बात ये रही कि धार्मिक और निजी दौरा होने के बावजूद धर्म गुरु के पूरे राजसी परिवार ने मुख्यमंत्री का स्वागत पारंपरिक तिब्बती अंदाज में किया।

मुख्यमंत्री का स्वागत महल पहुँचने पर खुद 42वें साक्या त्रिजीन (रिन्पोचे) और 43वें साक्या त्रिजिन (रिन्पोचे)  ने पारंपरिक अंदाज में किए। उनके साथ ही गुरु माँ और राज परिवार की बहुएँ भी थीं। पुष्कर ने दोनों साक्या त्रिजिन के दर्शन व उनसे मुलाकात के बाद विशेष कक्ष में सर्वोच्च धर्मगुरु साक्या खोमा त्रिचिन से मुलाक़ात कर उनसे आशीर्वाद लिया। इस दौरान किसी को भी भीतर मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी गई।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड और देश की समृद्धि-सुख-शांति-सफलता की कामना गुरुओं से की। साक्या खोमा त्रिचिन ने उनकी समस्त मनोकामना और प्रार्थना पूरी होने का आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने साक्या त्रिचिन और उनके पूरे परिवार के लोगों से काफी देर अनौपचारिक भाव से बात की। धर्मगुरु के शाही परिवार के साथ फोटो भी खिंचवाई। साक्या त्रिचिन को CM ने शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। साक्या त्रिचिन ने उनका पहले गले में खाता पहना के मुख्यमंत्री का तिब्बती पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। फिर उनको भगवान बुद्ध की प्रतिमा-वज्र और विशेष घंटी भेंट की।

साक्या त्रिचिन ने मुख्यमंत्री को फिर आने के लिए न्यौता दिया। मौजूदा साक्या त्रिचिन के बड़े (Sakya Gongma Trichen Rinpoche) और छोटे बेटे (Sakya Trizin Ratna Vajra Rinpoche)अब धर्मगुरु साक्या त्रिजिन हो चुके हैं। साक्या त्रिचिन से विदा होने के बाद महल के करीब स्थित साक्या सेंटर स्कूल में जा के वहाँ बौद्ध मंदिर में पूजा अर्चना की। गुम्बा में पढ़ाई कर रहे छोटे-बड़े बच्चों से बातचीत भी की। यहाँ काफी देर तक वह बच्चों के साथ भी रहे। उनके साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। बच्चे उनके साथ बहुत खुश नजर आए। मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द भी थे।  

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