
UPSC ने HoPF पर बदल दी पूरी तस्वीर:30 साल का Bar ख़त्म:गृह महकमे ने शुरू किया Panel पर काम:PHQ से Eligible के मांगे नाम:आयोग तय करेगा कौन होगा अगला Police Chief:Deputationist का दरवाजा बंद:State Cadre से ही होगा Selection
CM पुष्कर चाहें तो मौजूदा Police Chief अशोक कुमार को Extension मुमकिन:लोकसभा चुनाव हो सकता है आधार:CS SSS को 6 महीने का दिया है Extension
Chetan Gurung

दीपम सेठ-PVK प्रसाद या अभिनव कुमार! 30 November 2023 को Retire होने वाले अशोक कुमार के बाद अगला DGP क्या इनमें से कोई होगा? UPSC ने इस ओहदे के लिए चले आ रहे न्यूनतम अर्हता 30 साल की सेवा का प्रतिबन्ध ख़त्म कर दिया तो एक साथ अनेक चेहरे और नाम बतौर ठोस दावेदार सामने आ गए हैं.Seniority के बजाए Merit को पैमाना बना दिए जाने से अब ये CM पुष्कर सिंह धामी के हाथ में भी काफी कुछ है कि किन के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजा जाए.मतलब कि किसको DGP बनाया जाए, उनके ऊपर निर्भर होगा.वह जिनके नाम आयोग को भेजना चाहेंगे,वही पुलिस महकमे की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठेंगे.


गृह विभाग ने नए DGP के चयन के लिए काम करना शुरू करते हुए Police Headquarter से Eligible IPS अफसरों के नामों का पैनल मांग लिया है.दांव और तकदीर ने साथ दिया तो साल 1997 Batch वालों की भी Lottery लगने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.बस ये तय है कि अगला Police Chief कोई Deputationist नहीं होगा.Uttarakhand Cadre से ही होगा.ये भी तकरीबन तय है कि उत्तराखंड कैडर के वरिष्ठ IPS अफसरों सफी अहसान-दीपेश जुनेजा-LV एंटनी देव कुमार के नामों पर विचार नहीं किया जाएगा.तीनों कभी भी उत्तराखंड नहीं आए.30 साल की भी Minimum अर्हता पूरी कर लेते हैं.







अभी ये साफ़ नहीं है कि मौजूदा DGP अशोक कुमार तय तारीख पर रिटायर हो जाएँगे या CS डॉ सुखबीर सिंह संधू की तर्ज पर उनको भी Extension दिया जाएगा.लोकसभा चुनाव के नाम पर CM चाहें तो उनको 6 महीने तक तो कुर्सी पर रोक ही सकते हैं.पहले इसकी सम्भावना बहुत अधिक थी.DGP के लिए 30 साल की कम से कम नौकरी जरूरी थी.अब अचानक UPSC ने ADG या फिर 25 साल की नौकरी वालों को भी HoPF के Eligible घोषित कर देने से उत्तराखंड में DGP का कोई प्रत्याशी न होने का संकट झटके में ख़त्म हो गया.समझा जा रहा है कि कुछ अन्य राज्यों में भी उत्तराखंड सरीखी दिक्कत को देखते हुए आयोग ने प्रकाश सिंह वाला फैसला संशोधित कर नई व्यवस्था कर राज्य सरकारों को राहत दे दी.

उत्तराखंड में 30 साल वाले जो IPS हैं, उनमें से कोई भी DGP के लिए राज्य सरकार की नज़रों में सुयोग्य नहीं थे.1990 बैच के सफी अफसान रिजवी-1992 बैच के दीपेश जुनेजा और 1994 बैच के देव कुमार अपना कैडर होने के बावजूद कभी भी उत्तराखंड नहीं आए.MA गणपति 1986 बैच के हैं और NSG के DG हैं.वह भी 5 महीने बाद रिटायर हो रहे.DGP रह चुके हैं.उनका आना ना-मुमकिन है.कभी उत्तराखंड में नौकरी न करने वाली अंजू गुप्ता भी 1990 बैच की है.वह भी अगले महीने रिटायर हो रहीं.
मौजूदा DGP अशोक को Extension नहीं मिलता है तो उनके उत्तराधिकारी की लड़ाई न सिर्फ दिलचस्प बल्कि जबरदस्त होने वाली है.दीपम सेठ और PVK प्रसाद एक ही बैच (1995) के हैं.दीपम Deputation पर ITBP में हैं.PVK उत्तराखंड में हैं.दोनों को जबरदस्त टक्कर मिलेगी तो 1996 बैच के अभिनव कुमार से.वह CM पुष्कर सिंह धामी के भी करीबी और विश्वासपात्र हैं.उनके और खेल-युवा कल्याण विभाग के विशेष प्रमुख सचिव होने के साथ ही Intelligene Chief भी हैं.ये कुर्सी उसी को दी जाती है, जिसको मुख्यमंत्री का सबसे भरोसेमंद माना जाता है.
अभिनव कहने को UP Cadre के हैं लेकिन वह उन IPS अफसरों में से हैं, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य Cadre में सेवा का विकल्प चुना था.अदालती आदेश के आधार पर वह बने हुए हैं.यहीं उनको लगातार Promotion मिलते रहे हैं.यहाँ की सरकार ने उनको एक किस्म से अपने Cadre का माना हुआ है.ये देखना दिलचस्प होगा कि UPSC को जाने वाले Panel में उनका नाम शुमार होगा या नहीं.UPSC ने तय कर दिया है कि Merit और तमाम Record के आधार पर DGP चुना जाएगा.ऐसे में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री चाहें तो 1997 बैच वालों के नाम भी आयोग को भेज सकते हैं.
माटी पुत्र और शानदार अफसर संजय गुंज्याल भी तब प्रमुख दावेदारों में हो सकता है.वह Deputation पर ITBP में हैं.योग्यता के बिना पर और दस्तावेजी Record के मामले में संजय कईयों पर भारी पड़ते हैं.उनके बैच वालों में V मुरुगेशन और अमित सिन्हा भी हैं.आयोग ने ये भी साफ़ किया है कि कप्तान-Range-Zone के Chief रहने वालों-IB-R and AW-NIA-ED-CAPFs-NCB-NSG-SPG Deputation पर काम कर चुके चेहरों को वरीयता दी जाएगी.ये भी साफ़ किया गया है कि Central Deputation वालों को अगर Relieve होने की NoC नहीं मिलती है या फिर वे खुद लिखित में अनिच्छा DGP पद के लिए प्रकट करते हैं, तो उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा.
जो भी हो UPSC ने उत्तराखंड के नए Police Chief के लिए अखाड़े का दरवाजा कईयों के लिए खोल डाला है.आयोग के अध्यक्ष या प्रतिनिधि-केन्द्रीय गृह सचिव-मुख्य सचिव-खुद DGP (outgoing) और CPO या CPMF के Head (उत्तराखंड कैडर का नहीं होना चहिए) Empanelment Committee के सदस्य होंगे.समिति की सिफारिश पर State Government ही नया DGP चुनेगी.