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चीन से सटे गुंजी गाँव में PM मोदी का जबरदस्त स्वागत::बुजुर्गों का आशीष-शुभकमनाएं बटोरी:पारंपरिक रीति-रिवाज में खुद भी घुल गए नमो::लोगों से संवाद-परम्परिक वाद्य यंत्र बजाया:आदि कैलाश के दर्शन किए:जांबाज फौजियों से की मुलाक़ात:पहली बार कोई प्रधानमंत्री इतने दुर्गम इलाके में:पेश है Report और देखिए तस्वीरें

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Chetan Gurung

PM नरेंद्र मोदी आज सुबह पिथौरागढ़ के दुर्गम इलाकों और चीन-नेपाल के करीब स्थित गुंजी गाँव पहुंचे.आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए.भगवान शिव की पूजा अर्चना की.सरहद के हिफाजत में जुटे फौजी जवानों से मुलाक़ात कर उनका हौसला बढ़ाया.CM पुष्कर सिंह धामी उनके साथ थे.वह बरेली से साथ ही आए.गुंजी गाँव में लोगों ने प्रधानमंत्री का बेहद उत्साह और जोश के साथ स्वागत किया.मोदी ने खुद भी स्थानीय पारंपरिक पोशाक पहनी.उसी रूप में पूजा और अन्य आयोजनों में शिरकत की.लोगों से मिले.खुद भी स्थानीय लोक वाद्य यंत्र बजाया.शंख को फूँका.पार्वती कुंड में उन्होंने पूजा की.उनके स्वागत में पूरे इलाके को अभूतपूर्व ढंग से सजाया-संवारा गया था.प्रधानमंत्री मोदी को अपने गाँव में और इतने करीब देख और उनके साथ संवाद कर के स्थानीय दुर्गम इलाकों के लोग बेहद खुश नजर आए.मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश के तमाम बड़े आला अफसर भी पिथौरागढ़ पहुंचे हुए हैं.शहर में वह दोपहर जनसभा को संबोधित भी करेंगे.पूरी सोर घाटी को दुल्हन की मानिंद सजाया गया है.

—Full Report–

प्रधानमंत्री ने भारत की आध्यात्मिक भूमि पर शिव मंदिर में पूजा के साथ ही आदि कैलाश के विराट दर्शन करते हुए देश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की। सुबह 8.45 बजे हेलीकॉप्टर से वह पिथौरागढ़ में ज्योलिंगकांग हेलीपैड पर उतरे। यहां से दाहिनी ओर करीब डेढ़ किमी की दूरी कार से तय करते हुए हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर पहुंचे। करीब 25 मिनट तक शिव की पूजा और ध्यान किया।

आदि कैलाश मंदिर में रं-समुदाय के लामा पुजारियों ने पौराणिक काल से प्रसिद्ध शिव-पार्वती की ‘माटी पूजा’ पूरे विधि विधान के साथ संपन्न की। मोदी ने पार्वती सरोवर के दर्शन भी किए। चीन-नेपाल सीमा के करीब 14 हजार फुट की ऊंचाई पर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन कर प्रधानमंत्री अभीभूत दिखाई दिए। उन्होंने कहा भी कि आदि कैलाश के दर्शन कर उनका मन प्रसन्न और जीवन धन्य हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। यहां कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। देवभूमि के मंदिर आस्था ही नही आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी है।

चीन से सटी सरहद की हिफाजत में जुटे जांबाज फौजियों का हौसला बढ़ाने CM पुष्कर सिंह धामी संग पहुंचे PM मोदी
गुंजी में वयोवृद्धा ने सिर पर हाथ रख के आशीर्वाद दिया तो PM मोदी ने सिर झुका के उसको ग्रहण किया

मोदी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और आसपास के क्षेत्र के बारे जानकारी दी। प्रधानमंत्री के भ्रमण से चीन सीमा  पर तैनात सेना के जवानों के साथ ही सीमा पर बसे गांव कुटी, नाबि, रोंगकांग, गुंजी, नपल्चयू, गर्व्यांग, बूंदी के ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिला।

लोगों का कार में खड़े हो के हाथ हिला के अभिवादन स्वीकार करते PM मोदी

आदि कैलाश के दर्शन के बाद पीएम गुंजी के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री की यात्रा से तीन देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगी इस भूमि से प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को अध्यात्म और वैश्विक क्षेत्र में उभरती भारत की शक्ति का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री के भ्रमण से आदि कैलाश क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। आदि कैलाश के बारे में मान्यता है कि यह स्थान भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। इसका मुख्य आकर्षण ओम पर्वत है। इस पर्वत पर ओम की आकृति उभरी हुई है। ओम पर्वत कैलाश यात्रा मार्ग में नावीढांगा में स्थित है। ओम पर्वत को आदि कैलाश का छोटा कैलाश भी कहा जाता है। CM पुष्कर हर डग-कदम पर PM मोदी के साथ नजर आए.

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