
युवा कल्याण के भरोसे आयोजन!खेल विभाग के 2 सबसे Senior इसी साल Retire होंगे:बाकी अनुभवी अफसर राजधानी से बाहर कर दिए:Director भी Deputation Extension वाले
न Training-न Exchange Programme-न पूर्व बड़ी प्रतियोगिता:न Committees बनी:CS SSS भी Extension न मिला तो 2 महीने बाद रिटायर हो जाएंगे
Chetan Gurung

बार-बार टल रहे 38वें National Games सिर पर हैं लेकिन तैयारियों के नाम पर सिर्फ Meetings और निर्माण कार्यों पर ही पूरा Focus है.देश के सबसे बड़े खेल आयोजन किस तरह होंगे और इसके लिए क्या ठोस तैयारियां की जानी है, इस दिशा में अभी तक तैयारियां सरकार के स्तर पर `सिफर’ दिख रहा.हालात ये हैं कि खेल विभाग के बजाए सारी Scheme of Planning युवा कल्याण विभाग के हवाले है.खेल विभाग के दो सबसे बड़े अफसर इसी साल रिटायर हो जाएंगे.दो अन्य भी आगे-पीछे सेवा समाप्त कर के निकल जाएंगे.अन्य अनुभवी और उनके बाद के Senior अफसरों को देहरादून से बाहर कर दिया गया है.खेल और युवा कल्याण विभाग के Director IRS अफसर हैं और अब Deputation Extension पर हैं.आज CS डॉ सुखबीर सिंह संधू ने NG की तैयारियों पर बैठक में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और वक्त पर उनको पूरा करने की हिदायत दी.भव्यता के साथ आयोजन को अंजाम देने पर जोर दिया लेकिन राष्ट्रीय ओलिम्पिक किस्म के इतने बड़े खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहतर कैसे किया जाए, इस पर आज तक उत्तराखंड ओलिम्पिक संघ और अन्य खेल संघों के साथ कोई ठोस बैठक नहीं हो रही.

PM नरेन्द्र मोदी की खेलों में दिलचस्पी जग जाहिर है.गुजरात में पिछले साल National Games का उद्घाटन उन्होंने किया था. वह सीधे खिलाड़ियों से मिलते हैं.अगर सरकार ने सुस्ती न दिखाई होती या फिर अफसर गम्भीता दिखाते तो ये खेल न सिर्फ काफी पहले हो जाते बल्कि मौजूदा दौर में भी लोकसभा चुनाव से पहले हो सकते थे.उस सूरत में BJP चुनावी फायदा भी ले सकती थी.इसमें दो राय नहीं है कि लोकसभा चुनाव में BJP का प्रदर्शन जितना शानदार रहेगा, CM पुष्कर सिंह धामी के खाते में उतने अधिक अंक आएँगे.पुष्कर खेलों में रूचि दिखाते रहे हैं.वह भी सीधे खिलाड़ियों से मिल के उनकी समस्याएँ सुनते रहे हैं.NG को वह भी जल्दी और वक्त पर होते देखा चाहते हैं.अफसरों की सुस्ती और सरकारी मशीनरी की ढिलाई उनकी सोच को अंजाम तक पहुँचाने में देर पर देर कर रही है.
सरकार के सचिवालय में बैठे आला अफसरों के बाद NG के आयोजन में सबसे अहम भूमिका उत्तराखंड ओलिम्पिक संघ-राज्य खेल संघ और खेल विभाग के अफसरों की है.खेल संघों से सरकार की दूरी बनी हुई है.सरकार को ये बताने वाला कोई नहीं दिख रहा कि NG के लिए राज्य की टीमें अलग-अलग खेल संघ को बनानी हैं.UOA के साथ तालमेल के साथ.NG में अधिक से अधिक Medal जीतने के लिए क्या Planning की जानी है, उनको कैसे और कब से अंजाम देना है, इसके बारे में Zero तैयारियां हैं.
आयोजन भले खेल का है लेकिन सारी Command युवा कल्याण विभाग के हाथों में नजर आती है.उसके ही अफसर Sports Policy बना रहे.वही खेलो India में जा रहे.वही NG से जुड़े कामकाज की लगाम लिए हुए हैं.खेल विभाग के सबसे बड़े अधिक धर्मेन्द्र भट्ट और सतीश सार्की इसी साल रिटायर हो जाएंगे.दोनों Jt Director हैं.खेलों के मामले में अनुभवी अन्य दूसरी Line के अफसर भी NG से पहले रिटायर हो रहे.तीसरी Line वाले Senior अफसरों को पहले ही राजधानी से बाहर किया हुआ है.जो बचे थे, उनको भी कर दिया.
महाराणा प्रताप Sports College के Principal रहे और सबसे अनुभवी समझे जाने वाले मनोज शर्मा को भी पिथौरागढ़ के निर्माणाधीन Sports College पटका हुआ है.खेल और युवा कल्याण के निदेशक जितेन्द्र सोनकर का भी Deputation ख़त्म हो गया था.वह अब विस्तार पर हैं.ताजा हालात ये हैं कि देश का सबसे बड़ा खेल आयोजन अब Deputationist Director-युवा कल्याण के मंझोले लेकिन शासन में पकड़ वाले अफसरों के भरोसे है.जो Experts खेल अधिकारी हैं, उनकी कोई अहम भूमिका आयोजन में न पहले दिखी न अभी दिख रही.उनको न निर्माण कार्यों और न बजट-तबादलों में ही विश्वास में लिया जाता है.युवा कल्याण के अफसरों को खेल विभाग के तबादलों की समिति में शामिल किया जाना अजूबा है.कोई भी महकमा किसी अन्य महकमे के अफसर को ऐसी तवज्जो नहीं देता है.
दोनों विभागों के कार्मिकों की योग्यता ही भर्ती के दौरान से अलग-अलग हैं.दोनों महकमों के मंत्री-सचिव और निदेशक भले एक हैं लेकिन ये सच है कि ये अलग-अलग दो महकमे हैं.इतना दखल तो पेयजल संस्थान और पेयजल निगम के अफसर भी एक-दूसरे में नहीं रखते हैं.खेल विभाग के अफसर इस मुद्दे पर कई बार असंतोष भी जताते रहे हैं.दोनों महकमों की जिम्मेदारी और कामकाज अलग हैं.फिर भी दोनों को आपस में एक करने की फ़ाइल भी चली है.पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने CM रहते इस फ़ाइल को दाब दिया था.अब आज के CM पुष्कर ने भी इसको फिलहाल कोने में रखा है.ये बात अलग है कि फाइल ज़िंदा है.किसी भी CM ने इसको रद्द नहीं किया.
एक अहम पहलू ये भी है कि अगर पुष्कर सरकार ने Extension नहीं दिया तो मौजूदा CS डॉ SSS भी 2 महीने बाद जुलाई में रिटायर हो रहे.उनको फिर भी NG की तैयारियों का अंदाज हो रहा था.उनके बाद CS बनने का मौक़ा ACS राधा रतूड़ी के पास है.वह भी 10 महीने बाद रिटायर हो जाएंगी.उनके बाद CS बनने का हक़ ACS मनीषा पंवार को है.उनकी नौकरी 4 साल और है.मार्च-2027 तक. में ये माना जा रहा कि NG को ले के राधा और मनीषा को अभी से आयोजन के बारे में जोड़ के आगे बढ़ना बेहतर होगा.ये तय है कि राधा के CS बनने और रिटायर होने तक NG होने मुमकिन नहीं हैं.मनीषा और एक और ACS आनंदबर्द्धन को Stand Bye में रखना ही होगा.आनंदबर्द्धन की नौकरी जून-2027 तक है.
मुख्य सचिव ने प्रदेश के कई जिलों में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के बारे में आज अफसरों से ये भी कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के नाते इस आयोजन को एक अवसर के तौर पर देखना चाहिए। देशभर से जो प्रतिभागी इसमें भाग लेने आएंगे, उनमें प्रदेश की अच्छी छवि जानी चाहिए। टॉर्च रिले कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में प्रत्येक पर्यटन शहर में आयोजित किया जाए. सभी इवेंट के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। इस पर आने वाले व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी। इससे कलाकारों को रोजगार भी प्राप्त होगा साथ ही प्रदेश की संस्कृति का प्रचार प्रसार भी होगा।
SSS ने कहा कि बजट की किसी भी प्रकार से कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने उपकरणों की खरीद, विशेष कर जो विदेशों से आयात होने हैं, के कार्य तत्काल शुरु करने के निर्देश देते हुए कहा कि विदेशों से आने वाले उपकरण कई बार अत्यधिक समय लग जाने से निर्धारित समय तक नहीं पहुंच पाते हैं। पौड़ी के हाई एल्टीट्यूड रांसी स्टेडियम को भी राष्ट्रीय खेलों से जोड़ने को कहा। राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं कराने और खेलों के लिए स्वयंसेवकों की टीम भी तैयार करने को कहा। उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जा सकता है।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, हरिचंद्र सेमवाल और उत्तराखंड ओलिम्पिक संघ के महासचिव DK सिंह और युवा कल्याण व खेल विभाग के अफसर भी मौजूद थे.National Games से पुष्कर सरकार को बहुत यश और सियासी नफा हो सकता है लेकिन अगर आयोजन में जरा भी चूक रह गई तो आलोचना भी खूब होती है.प्रतिष्ठा इस आयोजन के दौरान दांव पर पुष्कर की रहेगी.CM बनने के बाद National Table Tennis Ranking Championship के शानदार आयोजन के बाद NG अब पुष्कर के लिए लिटमस (Litmus) टेस्ट होगा.
ये ध्यान में रखना होगा कि उत्तराखंड के खिलाड़ियों को NG के दौरान बड़े खिलाड़ियों के साथ खेलने के दबाव से दूर रखने और अनुभव दिलाने के लिए State Level नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएँ आयोजित करनी होंगी.इस पर सोचा भी नहीं जा रहा.अभी तक खेल समितियां भी NG को ले के नहीं बनाई गई हैं.अन्य राज्यों के साथ खेलों में Exchange Programmes नहीं किए जा रहे.