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Politics::पिथौरागढ़ में `मोदी’ के जलवे से `पुष्कर’ प्रभाव में इजाफा!लोकसभा के टिकट-Cabinet Expansion-Reshuffling में दिखेगा असर!

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मोदी के Make in India की सोच को Investors Summit के जरिये आगे बढ़ा रहे

Chetan Gurung

पिथौरागढ़ में PM नरेन्द्र मोदी का वो जलवा अरसे बाद दिखाई दिया जो किसी वक्त उनकी ख़ास पहचान थी.जिस किस्म की अपार कामयाबी और लोगों का हुजूम `नमो’ को सोर घाटी में मिला, उसने CM पुष्कर सिंह धामी की ताकत BJP-मोदी की निगाहों में निश्चित रूप से कहीं अधिक बढ़ा दी है.मोदी के Make in India की पहल को भी वह Global Investors Summit के जरिये आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं.

प्रधानमंत्री के आदि कैलाश-पार्वती कुंड दर्शन और जनसभा को सफल बनाने और लोगों में इसका कौतुहल-उत्साह-जूनून पैदा करने के लिए पुष्कर ने युद्धस्तर पर ठोस कदम उठाए थे.उन्होंने मंत्रियों को इसमें झोंका.गणेश जोशी वहीँ तैनात कर दिए गए थे.मोदी चीन-नेपाल से सटे दुर्गम छोटे से पहाड़ी जिले में अपने प्रति लोगों के जोश और जूनून देख के बेहद खुश-हैरान-आह्लादित नजर आए.

उन्होंने कहा भी कि अपने सम्मान में 7 किमी लम्बी मानव श्रृंखला को देखना वाकई उनको हैरान कर गया.उनके दौरे को CM ने बेहद सुनियोजित ढंग से अंजाम तक पहुँचाया.PM की ख़ुशी उनके चेहरे के साथ ही हाव-भाव से भी खूब झलकी थी.उन्होंने बार-बार ख़ुशी के भाव में CM की पीठ थपथपाई और दोनों हाथ थाम के उनके प्रति अपने मनोभावों को जतलाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.

PSD को पहले से ही PM का बेहद ख़ास और विश्वासपात्र समझा जाता रहा है.पिथौरागढ़ दौरे की ऐतिहासिक कामयाबी का श्रेय पूरी तरह मुख्यमंत्री को दिया जा रहा है.उनके कन्धों पर PM की तरफ से Extra सितारे सज गए हैं, ऐसा कहा जा रहा है.खास पहलू ये है कि BJP शासित राज्यों के CMs और संगठन के किसी भी चेहरे को मोदी से उतना लाड़ नहीं मिलता है, जितना पुष्कर के हिस्से पहले से ही लगातार आत़ा दिखा है.

उत्तराखंड के CM उन चंद CMs और BJP दिग्गजों में से हैं, जिनके साथ मोदी अकेले में लम्बा वक्त मंथन और बातचीत में गुजारना पसंद करते हैं.व्यस्तता के बावजूद खुल के वक्त देते हैं.मुलाकात के लिए वक्त भी उनसे सहजता के साथ मिल जाता है.मोदी की नजरों में पुष्कर की बढ़ी अहमियत की झलक जल्द ही कम से कम 2-3 मामलों में दिख सकती है.

लोकसभा चुनाव में टिकटों का बंटवारा होने वाला है.सम्बंधित राज्य के मुख्यमंत्रियों या फिर वहां के पार्टी क्षत्रपों को इसमें आला कमान विश्वास में ले के टिकट बांटता है.मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में ऐसा होता हालांकि नहीं दिख रहा.उससे पहले हिमाचल प्रदेश-कर्नाटक असेम्बली चुनाव में भी मोदी-शाह की जोड़ी ने भले ऐसा नहीं किया.

इसकी वजह थी.वहां के स्थानीय पार्टी-सरकार अगुवाओं पर PM-HM का अविश्वास या अप्रिय भाव जग जाहिर था और है.उत्तराखंड में पुष्कर ने खुद के प्रति मोदी-शाह के विश्वास को एक तोला भी गिराने के बजाए उसमें लगातार इजाफा करने में सफलता पाई है.मोदी के Make in India के नारे को कामयाब बनाने के लिए भी PSD कोई कसर नहीं छोड़ रहे.उत्तराखंड में 2.5 लाख करोड़ रूपये के निवेश के लक्ष्य में दुनिया की दिग्गज कम्पनियों को शामिल कर उनसे बातचीत कर वह Make in India की मोदी पहल को आगे बढ़ा रहे.

इसमें ताज्जुब नहीं होगा अगर सभी 5 सीटों पर पुष्कर की Good Books में शामिल और उनके भरोसेमंद ही लोकसभा चुनाव के समर में दिखें.मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल भी चुनाव से पहले मुमकिन लग रहे.इसमें भी मुख्यमंत्री की छाप झलकनी है.ये सियासी समीक्षक और पार्टी के दिग्गज भी मान रहे हैं.कुछ राड़ेबाज या पुष्कर का विश्वास खो चुके या फिर उनकी Good Books से बाहर चेहरों की विदाई Cabinet से मुमकिन समझा जा रहा है.

जिन नए चेहरों को Team पुष्कर में जगह मिल सकती है, वे वाकई PSD के ही खासमखास हो सकते हैं.कुछ मंत्रियों ने सरकार और BJP की नाक में अपनी करतूतों-कांडों-विवादों से दम किया हुआ है.उनको मंत्रिमंडल से अलविदा कहने से BJP को त्वरित फायदा लोकसभा चुनाव में अतिरिक्त तौर पर हो सकता है.पुष्कर ये गणित-समीकरण आला कमान-PM-HM को समझाने में सफल हो गए तो कईयों के दिल टूटने तय हैं.

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